Saturday, July 09, 2005

मथुरा नगरपति (from the movie RAINCOAT)..

सुबह-सुबह का खय़ाल आज, वापस गोकुल चल मथुरा-राज ।।

मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ........................

मनोहर-वेश छोड नंदराज, सर से उतारिके सुंदर ताज,

राजदंड छोड भूमि पर आज, फिर काहे बांसुरी बजाओ ।।

मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ........................


कौन सा अनोखा गीत गाए पीककूल, राज-पाट जैसे आज भई धूल

बिरहन लागी फिर हृदय अकूल, राज-काज मन ना लगाओ ।।

मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ........................


पूरनारी सारी ब्य़ाकुल नयन,कुसुम-सज्जा लगे कंटक-शयन

रात भर माधव जागत बेचैन, काहे आधी रात सारथी बुलाओ ।।

मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ........................


धीरे- धीरे पहुंचत जमुना के तीर,सुनसान पनघट मृदुल समीर

खन खन माधव बिरह मदीर,उसे काहे भूल ना पाओ ।।

मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ........................


तुम्हरी प्रिया अब पूरी घरवाली, दूध-नवन घीउ दीन भर खाली

तुम्हरी राधा अब पूरी घरवाली, दूध-नवन घीउ दीन भर खाली

बिरह के आंसू कबके पोंछ डाली,फिर काहे दरद जगाओ ।।

मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ........................
मथुरा नगरपति काहे तुम गोकुल जाओ........................

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